*बिलासपुर में सिंचाई विभाग के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते किसान*
*किसानों ने दी चेतावनी-फसल खराब हुई तो मुआवजा विभागीय अधिकारियों की तनख्वाह से लिया जाएगा*
👉भास्कर न्यूज़ टुडे/ आर के कश्यप 🙏प्रधान संपादक🙏
बिलासपुर।👉 लगातार बारिश किसानों के लिए मुसीबत का सबक बन गई है भाखड़ा वियर गेटों के बंद रहने से धीमरी नदी का जल स्तर बढ़ने से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । भाखड़ा डाम के आस-पास ग्राम खोंदलपुर, विशारत नगर, शिवनगर, सहरिया, रतनपुरा, कादरीगंज, हुरमतनगर टाण्डा आदि गाँव है।
उत्तराखंड की लगातार बारिश और भाखड़ा वियर गेटों के बंद रहने से आसपास के सैकड़ों किसानों की धान और गन्ना जैसी फसलें जलमग्न हो गई हैं।गुस्साए किसानों ने मंगलवार को सिंचाई विभाग के दफ्तर पर हंगामा किया और समस्या का समाधान कराने की मांग की।इस दौरान किसानों की सहायक अभियंता से तीखी बहस भी हुई। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर फसल खराब हुई तो मुआवजा विभागीय अधिकारियों की तनख्वाह से लिया जाएगा।तहसील क्षेत्र के रामनगर, पर्वतबास,बिशारदनगर, खौदलपुर,सहरिया,कादरी गंज, शिवनगर और रतनपुरा जैसे गांवों के प्रभावित किसान भाकियू भानु गुट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी के नेतृत्व में एकत्र हुए।वे जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए हाईवे स्थित सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया।किसान नेता वारसी ने बताया कि भाखड़ा डैम से निकलने वाली धीमरी नदी में सामान्यतः चार फिट पानी रहता था।उत्तराखंड में बरसात होने पर जब जलस्तर बढ़ता था,तो यह पानी वापिस डैम के सहारे निकल जाता था। उन्होंने आरोप लगाया कि अब डैम पर ऑटोमैटिक वियर गेटों का निर्माण कराया गया है। इन गेटों के पटले बंद होने पर नदी का सारा पानी उनकी फसलों में पिछले एक सप्ताह से आठ-आठ फिट जमा है।इससे उनकी फसलें जलमग्न होकर नष्ट होने की कगार पर हैं।प्रदर्शन की सूचना पर सहायक अभियंता नंदलाल आर्या और अवर अभियंता वीर सिंह मौके पर पहुंचे।किसानों ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई और चेतावनी दी कि अगर फसल नष्ट हुई तो मुआवजा अधिकारियों की तनख्वाह से लिया जाएगा। किसानों ने वियर गेटों को खुलवाकर पानी का निकास कराने और समस्या का शीघ्र समाधान कराने की मांग की। अन्यथा सड़क जाम कर आंदोलन करने की चेतावनी दी।इस प्रदर्शन में राशिद,जमील अहमद, गुरमीत सिंह,जसवंत सिंह,मोहम्मद साजिद,फरीद, सलामत, साजिद हुसैन,सतनाम सिंह,बूटा सिंह,आजाद सिंह, गुफरान अली,मुराद खां,शब्बीर खां, जवाहर सिंह,शाकुल नबी, साहब सिंह, देवेन्द्र सिंह, कुलवंत सिंह, जाहिद हुसैन, सुरेन्द्र सिंह आदि किसान मौजूद रहे।