*झोला छाप डॉक्टर के इलाज से बच्चे की मौत, क्लीनिक बंद कर फरार बाद में डॉक्टर ने किया समझौता*

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*झोला छाप डॉक्टर के इलाज से बच्चे की मौत, क्लीनिक बंद कर फरार बाद में डॉक्टर ने किया समझौता*

✍️भास्कर न्यूज़ टुडे✍️
🙏प्रधान संपादक🙏
🙏आर के कश्यप🙏

स्वार । रामपुर 👉अजीमनगर में झोला छाप डॉक्टर जियाउल हसन के इलाज से एक बच्चे की मौत हो गई। रामपुर शहर की ऐसी कोई तहसील गांव नहीं जहां झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से न जाने कितने मासूम लोग मौत का शिकार बन रहे हैं । ऐसे कई मामले हो चुके हैं । जिसकी वजह से झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही की बजह से सेंकड़ों मासूम मौत का शिकार बन रहे है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग मोन व्रत रखा हुआ हैं। ऐसा ही एक मामला मिलक खानम थाना क्षेत्र के सरकडी गांव निवासी सुनील पाल की ढाई साल की बेटी रागनी का है। जिसके मौसम के बदलाब के चलते मामूली सा बुखार आ रहा था, रागिनी के पिता उसके इलाज के लिए अजीमनगर स्थित झोला छाप डॉक्टर जियाउल हसन के पास गए थे,जहा डॉक्टर जियाउल हसन ने बच्चे का चार दिन तक गलत इलाज किया,जिससे बच्चे की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिवार वालो ने हंगामा शुरू कर दिया, बच्चे के चाचा सुभाष पाल ने अजीमनगर पुलिस और 112 पर सूचना दी जिसके बाद मौके पर अजीमनगर पुलिस पहुंच गई। पीड़ित के परिवार वाले झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही के लिए अड़े रहे , मामला बिगड़ता देख डॉक्टर जियाउल हसन ने देर रात पीड़ित परिवार वालो से समझौता कर लिया। पीड़ित परिवार वालो का कहना है कि उनका डॉक्टर जियाउल हसन से समझौता हो गया है,अब वह उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही चाहते,लेकिन सवाल यह है कि ऐसे अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों पर स्वास्थ्य विभाग आखिर कार कब कार्रवाई करेंगा । अवैध रूप से संचालित क्लिनिक पर झोला छाप डॉक्टर जियाउल हसन किसकी अनुमति से प्रैक्टिस कर जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, और अभी तक स्वास्थ्य विभाग आंखे मूंदे बैठा है।आखिर ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कब अमल में लाई जाएगी यह देखने वाली बात है और स्वास्थ विभाग के लिए भी एक चुनौती का विषय बना हुआ है ।भास्कर न्यूज़ टुडे की टीम ने डॉक्टर से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन मौके पर न ही डॉक्टर साहब मिले और क्लीनिक भी बंद पाया गया । स्थानीय सूत्रों के मुताबिक कुछ तथाकथित चिकित्सिक तो झोलाछाप है।, जिनके पास चिकित्सक का कोई वैध प्रशिक्षण या डिग्री नहीं हैं। यह पूरा कारोबार क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट और पीएनडीटी एक्ट का खुला उल्लंघन कर रहा हैं।स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण अवैध सेंटर वर्षों से चल रहे हैं जहां मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले लोग अनजाने में इन फर्जी संस्थानों पर इलाज कराने पहुंच जाते हैं,जिसे गलत रिपोर्ट और गलत इलाज की संभावना बढ़ जाती है स्थानीय नागरिकों की मांग है कि जिला प्रशासन तथा स्वस्थ विभाग इन सभी सैंटरो की सघन जांच कराए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जा सके।ऐसे झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर1800-1111-54 पर सकते हैं।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(IMC)को भी इसकी सूचना दे सकते हैं अपनी शिकायत की एक प्रति उन्हें भेज सकते हैं आप अपनी शिकायतें राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से भी दर्ज कर सकते हैं जो कि भारतीय चिकित्सा परिषद (IMC )को संबोधित होती है ।

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