*मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में महावृक्षारोपण अभियान*

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*मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में महावृक्षारोपण अभियान*

*जो देश अपनी मिट्टी को नष्ट करता है, वह खुद को नष्ट कर लेता है। जंगल हमारी धरती के फेफड़े हैं, जो हवा को शुद्ध करते हैं और हमारे लोगों को नई ताकत देते हैं। पेड़ वे कविताएँ हैं जो धरती आकाश पर लिखती है।”*प्रोफेसर जहीरुद्दीन*

भास्कर न्यूज़ टुडे/ आर के कश्यप 🙏प्रधान संपादक🙏

रामपुर: मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में महावृक्षारोपण अभियान शुरू हुआ।
माननीया प्रोफेसर तंजीम फातिमा जी ने महावृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ करके कार्यक्रम की शुरुआत की।।इसी के चलते उन्होंने एक पेड़ अपनी सास श्रीमती अमीर जहाँ जो माननीय कुलाधिपति मोहम्मद आजम खान साहब की माता जी है के नाम पर लगाया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि
पेड़ मानवता के बहुत मददगार और उपयोगी मित्र हैं। वे सीवेज और रसायनों को फ़िल्टर करके मिट्टी को साफ करते हैं, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण को नियंत्रित करते हैं, बाढ़ को कम करते हैं। हमारे जीवन में पेड़ों के महत्व और मूल्य को देखकर, हमें जीवन और पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें बचाना चाहिए। पेड़ वास्तव में हमारी “मां” जैसे हैं, जो हमें जीवन और संसाधन प्रदान करते हैं।प्रोफेसर तंजीम फातिमा जी ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति माननीय मोहम्मद आजम खान साहब कहते है कि पेड़ ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक है।इसलिये अधिक पेड़ लगाकर हम पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं।
विश्वविद्यालय में लगभग 6500 वृक्षो को रोपित करने का लक्ष्य है। जिसकी शुरुआत 09 जुलाई 2025 से हो चुकी है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के
पैरामेडिकल के छात्र छात्राओं ने विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया और इस अभियान की शुरुआत की।इस अवसर पर प्रिंसिफल डॉ कलीम ने कहा कि नियमित वृक्षारोपण अभियान हमारे संस्थान द्वारा परिसर के अंदर और बाहर किए गए पर्यावरणीय स्थिरता पहलों का एक अभिन्न अंग रहे हैं। इन अभियानों का उद्देश्य हरित आवरण को बढ़ाने में योगदान देना, पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करना और छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के बीच प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना है।
अंत में प्रोग्राम का समापन करते हुए माननीय वाइस चांसलर प्रोफेसर जहीरुद्दीन ने कहा कि हमारी पृथ्वी जो हमारा घर है, जहां हम मनुष्य, पशु-पक्षी, पौधे निवास करते हैं, इसके ही पर्यावरण के संरक्षण के लिए आज यह पेड़ लगाओ,पेड़ बचाओ अभियान शुरू किया है।
पर्यावरण दिवस बचपन से ही हम सुनते आए हैं कि पेड़ हमारे सबसे अच्छे दोस्त होते हैं लेकिन व्यावहारिक जीवन में हमने ऐसा कोई नहीं देखा जो पेड़ों को अपना दोस्त मानता हो। हालाँकि वे पृथ्वी पर सबसे मूल्यवान जीवन स्रोत हैं। वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से हर जीवन रूप को लाभ पहुँचाते हैं। वे हमें पोषण देते हैं और कई तरीकों से हमारी रक्षा करते हैं। साथ ही, वे हमारे पर्यावरण को हरा-भरा और स्वच्छ रखते हैं। इसलिए, यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उन्हें बचाकर उनके द्वारा हमारे लिए किए गए कामों के लिए उन्हें चुकाएं। इसके अलावा, बड़े पेड़ छोटे पेड़ों की तुलना में अधिक फायदेमंद होते हैं क्योंकि वे अधिक कार्बन को पकड़ते हैं, अधिक पानी को पकड़ते हैं, गर्मी का मुकाबला करते हैं, ग्रीनहाउस गैसों को फ़िल्टर करते हैं , गर्मी और धूप से आश्रय देते हैं , आदि। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि हम उन पर अधिक निर्भर हैं, बजाय इसके कि वे हम पर निर्भर हों। मेरे विचार में, पर्यावरण के लिए अपना योगदान देना हर किसी की जिम्मेदारी है। इसलिए, आइए हम एक हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में मिलकर काम करें ।उन्होंने कहा कि पर्यावरण सुरक्षित है तो इस धरती का हर इंसान सुरक्षित है। हर दिन हज़ारों प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं क्योंकि हम वर्षा वनों को काट रहे हैं। पृथ्वी के चारों ओर, पर्यावरणविद विनाश की ओर इशारा कर रहे हैं।
अगर पर्यावरण सुरक्षित नहीं है तो इंसान का अस्तित्व कभी भी खत्म हो सकता है’।
*हरित पृथ्वी, स्वच्छ पृथ्वी!”*
माननीय कुलपति जी ने बताया कि
खलील जिब्रान ने कहा, “पेड़ वे कविताएँ हैं जो धरती आसमान पर लिखती है।” पेड़ अपरिहार्य संसाधन हैं जो सभी जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं। वे जानवरों, पक्षियों, कीड़ों, कवक आदि सहित विविध जीवित प्राणियों को भोजन और आश्रय प्रदान करके हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता सुनिश्चित करते हैं।
पेड़ हमारे ग्रह पर सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक हैं। वे मनुष्यों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें फिट और खुश रखने में मदद करते हैं। आप इसे उन लोगों में देख सकते हैं जो पेड़ों से घिरे हैं, न कि उन लोगों में जो पेड़ों से नहीं घिरे हैं। इसके अलावा, हमें खुद पर उपकार करने के लिए पेड़ों की देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने अपनी वाणी को विराम देते हुए कहा कि
वृक्ष हमारे मित्र हैं ,वृक्ष हमारी जान।
वृक्षों की रक्षा बने ,पर्यावरणी शान।
काट दिए जंगल सभी ,कांक्रीट हर छोर।
दूषित कर पर्यावरण ,हम विकास की ओर।
वृक्षारोपण कर करें ,उत्सव की शुरुआत।
पर्यावरण की सुरक्षा ,सबसे पहली बात।
हरे वृक्ष जो काटते ,उनको है धिक्कार।
पर्यावरण बिगाड़ते ,वो सब हैं मक्कार।
यह पृथ्वी कितना सुख पाती;
अगर न इसके वक्षस्थल पर यह दूषित मानवता होती।
सब ग्रह गाते, पृथ्वी रोती।
इस अवसर पर विभिन्न
संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
प्रोग्राम का संचालन कृषि संकाय के कृषि संकाय के विभाग अध्यक्ष व इस प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर डॉ मोबिन ने किया ने
किया ।
इस अवसर पर माननीय वाइस चांसलर प्रोफेसर जहीरुद्दीन, रजिस्ट्रार डा॰एस एन सलाम, परीक्षा नियंत्रक एवं प्राक्टरमो०आरिफ, प्रिंसिपल पेरामेडिकल डा०मो कलीम ,प्रिंसिपल फार्मेसी डॉ राजेश यादव,प्रोफेसर एवं बॉयज हॉस्टल के वार्डन डा० तनवीर इरशाद,आलमगीर खान,डीन कृषि डॉ गुलफ्शा,एनईपी कोऑर्डिनेटर डॉ फरहान,
डॉ एहसान,अमित सिंह,सद्दाम हुसैन, ब्रजकिशोर यादव ,एडमिशन सेल इंचार्ज
उज़्मा,मोहम्मद इस्लाम,दीपक कुमार,रमित यादव,,मोहम्मद आसिफ,रागिव अंसारी
डा० रेखा,डा०इरम, डा०मोबीन, प्रिति यादव,मोहम्मद
इरफान,डॉ प्रिति विश्वास,साजिद खान,साकिव ,डा०इरशाद,डा० जुनैद,रेहान,डा० हिलाल,
ज़ीशान ,शहरोज़ आदि शिक्षक गण एवं यूनिवर्सिटी के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।इस अवसर पर समाजसेवी और पर्यावरण प्रेमी भी उपस्थित रहे।

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