*लखनऊ में रईसजादों ने सिपाही को चौकी में पीटा*
*चौथे आरोपी की 13 दिन बाद भी पहचान नहीं, दावा- ये ADG का बेटा*
भास्कर न्यूज़ टुडे/आर के कश्यप (प्रधान संपादक)
लखनऊ: लखनऊ में रईसजादों ने एक सिपाही को चौकी में बंद कर बुरी तरह से पीटा । सिपाही की वर्दी भी फाड़ दी और चौकी में रखे सामान को उठा करके फेक दिया । सिपाही की गलती इतनी थी कि वह इनोवा कार में सवार चार लोगों को आपस में झगड़ने से रोका था । इसी बात पर कार सवार युवक भड़क गए और सिपाही को घसीटते हुए चौकी में ले जाकर बेरहमी से पीटा ।
घटना की सूचना मिलने पर हजरतगंज थाने से पुलिस बल मौके पर पहुँचा,पुलिस ने तीन हमलावरों को पकड़ लिया जबकि उनमें से एक युवक गाड़ी लेकर फरार हो गया ।यह घटना 19 मई देर रात की है ।अगले दिन 30 मई को हजरतगंज थाने में चुपचाप FIR दर्ज कर ली गई ।लेकिन इस मामले को 8 दिनों तक दबा कर रखा गया ।मामला तब सामने आया,जब पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की ।चर्चा यह है कि जो युवक इनोवा कार लेकर फरार हुआ था वह एक सीनियर आईपीएस अफसर का बेटा हैं ।
गंभीर मामलों का 48 घंटे में खुलासा करने वाली लखनऊ पुलिस 13 दिन बाद भी उसकी पहचान नहीं कर पाई है ऐसे में पुलिस कार्रवाई पर अब सवाल उठने लगे हैं ।इस मामले में डीसीपी आशीष कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि तीनों आरोपियों को निजी मुचलके पर थाने से जमानत दे दी गई थी।चौथे आरोपी की पहचान की जा रही है ।
*जिस सिपाही को पीटा गया उसने FIR में क्या लिखा*
सिपाही अर्जुन यादव ने FIR में कहा-29 मई की रात मैं पालीगंज- 6 पर मौजूद था। मैं गस्त करते हुए पुलिस चौकी स्टेडियम के पास पहुंचा ।वहां एक सफेद रंग की इनोवा गाड़ी खड़ी थी,जिसमें चार लोग सवार थे चारों किसी बात को लेकर आपस में झगड़ रहे थे ।
मैंने उन्हें शांत कराने की कोशिश की,तो वे भड़क गए और मुझे ही गालियां देने लगे अचानक चारों मुझ पर हमलावर हो गए । मुझे ‘कुत्ता’ कहा ।फिर जबरन मुझे स्टेडियम चौकी ले जाने लगे और बोले आओ इसे इसकी चौकी में ही पीटते हैं ।इसके बाद चारों ने मुझे मिलकर बहुत मारा- पीटा और मेरी बर्दी फाड़ दी ।पुलिस चौकी में रखी सरकारी संपत्तियो को भी इधर-उधर फेंक दिया।उसके बाद मुझे जान से मारने की धमकी देते हुए फिर से पीटा । शोर शरावा सुनकर चौकी पर पहुँची पुलिस ने मेरा बचाव किया ।इसी बीच उनमें से एक व्यक्ति सफेद रंग की इनोवा कार लेकर फरार हो गया ।आरोपियों की बोलचाल और हरकतों से लग रहा था कि वह नशे में थे ।तीनों आरोपियों से उनके नाम पूछे गए ।उन्होंने अपना नाम-जय प्रकाश सिंह,अभिषेक चौधरी,और सुमित कुमार बताया लेकिन चौथे व्यक्ति का नाम नहीं बताया ।सिपाही की तहरीर पर तीनों आरोपियों के खिलाफ- शांति भंग,सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट,धमकी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है ।लेकिन आईपीएस अफसर के बेटे को लेकर पुलिस की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है ।क्या चौथे व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी यह पुलिस पर सवालिया निशान है क्या पुलिस चौथे व्यक्ति को गिरफ्तार करेगी जबकि मौके पर मौजूद पुलिस कर्मी जानते थे कि वह कौन है और किसका बेटा है अब ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या पुलिस उस चौथे व्यक्ति की गिरफ्तारी करेगी या नहीं ।